SONY THE BRIEF HISTORY AND SUCCESS STORY OF SONY COMPANY IN HINDI (सोनी कंपनी का इतिहास और सफलता की कहानी )

brand ki kahani

दोस्तों ब्रांड की कहानी में आप लोगों का फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों को उस ब्रांड के बारे में बताने जा रहा हूं जो कि इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा नाम है जिसके समान  की गुणवत्ता बहुत ही उच्च
होती है और इस कंपनी की गुणवत्ता पर लोग इतना भरोसा करते हैं कि कभी कभी आंख मूंदकर भी इस कंपनी का सामान खरीद लेते हैं और खरीदे भी क्यों ना इस कंपनी ने आज तक लोगों के बीच में अपनी      पहचान ही ऐसी कायम कर रखी है तो दोस्तों उस कंपनी का नाम है "सोनी" जी हां दोस्तों जो कि टेलीविजन  बनाने के मामले में दुनिया की पांच सबसे बड़ी कंपनी में से एक बन चुकी है ,इस  कंपनी ने ऐसे ऐसे  उत्पादों को बनाया जिसने  इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में तहलका मचा के रख दिया और वह प्रक्रिया अभी तक चली आ रही है यानी के एक तरह से हम यह भी कह सकते हैं की आज भी सोनी कंपनी के द्वारा ऐसे उत्पाद बनाये जा रहे हैं जो आते ही मार्किट में धूम मचा  देती है तो दोस्तों यह तो  इस कंपनी के बारे में संक्षिप्त परिचय था तो अब चलिए  विस्तार से जानते हैं कि कैसे कंपनी के शुरुआती दिनों से लेकर अभी तक का सफ़र रहा कैसे  द्वितीय विश्वयूद्ध  में अपने देश के लिए लड़ने वाले  दो दोस्तों ने इतनी बड़ी कंपनी स्थापना कर डाली।  "दो दोस्तों ने" कौन थे ये दो दोस्त जिसने इलक्ट्रोनिक क्षेत्र में तहलका मचा के रख दिया तो दोस्तों वे थे मसारु ईबुका और एकिओ मोरिटा तो  पहले थोड़ी - थोड़ी इन दोनों के बारे में भी जान लेते हैं




BIOGRAPHY OF MASARU  IBUKA  मसारु ईबुका की  जीवनी  

                         
  • दोस्तों  मसारु ईबुका  का जन्म 11 अप्रैल 1908  को निक्को सिटी जापान में हुआ ,उन्होंने अपना ग्रेजुएशन वसेडा यूनिवर्सिटी से 1933 में किया उसके  बाद वे  फोटो केमिकल इंडस्ट्री में काम करने लगे फिर उसके बाद द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वह इंपीरियल जैपनीज़ नेवी में काम करने लगे और बाद में चलकर उन्होंने Sony कंपनी की स्थापना की ,इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए  उन्हें कई तरह के अवार्ड  मिले जैसे कि 
  • मेडल ऑफ़ ओनर विथ ब्लू रिबन (1960 )
  • आईइइइ फाउंडर्स मैडल (1972)
  • ऑर्डर ऑफ़ द सेक्रेड ट्रीजर (1978) 
  • आर्डर ऑफ़ डी राइजिंग सन (1986 )
  • बॉय स्काउट्स ऑफ़ निप्पन 
  • ब्रोन्ज वुल्फ(1991 )
  • गोल्डन फेसंट अवार्ड  


 सोफिया यूनिवर्सिटी के द्वारा 1976 में ,वसेडा यूनिवर्सिटी जहाँ से उन्होनें ग्रेजुएशन किया था उसस्के द्वारा 1979 में और फिर ब्राउन यूनिवर्सिटी के द्वारा 1994 में उन्हें डॉक्ट्रेट की  भी उपाधि दी गई। 
इस सब के अलावा भी उन्हें कई तरह के अवार्ड मिले पर सबसे यादगार अवार्ड तो उनके लिए  आईइइइ फाउंडर्स मैडल अवार्ड रहा होगा जिसे आगे चलकर उनके नाम पर ही आईइइइ मसारु ईबुका कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स अवार्ड रख दिया गया 1987 में यक़ीनन इससे बड़ा अवार्ड और क्या होगा।। ये तो था मसारु ईबुका के बारे में कुछ बातें। अब चलिए थोड़ी बातें दूसरे नायक एकिओ मोरिटा के बारे में भी कुछ बातें जान लेते हैं 

THE BIOGRAPHY OF AKIO MORITA एकिओ मोरिटा की  जीवनी 

                                
                             
एकिओ मोरिटा जिनका कहना था की लोगों से ये पूछने के बजाय की आपको क्या चाहिए हम उन्हें तरह तरह के नए नए उत्पाद देंगे क्योंकि जनता यह नहीं जानती है की क्या सब चीज संभव है पर हम जानते हैं 
एकिओ मोरिटा का जन्म 26 जनवरी 1921 को नागोया जापान में हुआ था ,उनके पिता एक छोटा सा व्यवसाय करते थे वो व्यवसाय था सोयाबीन से बने पदार्थों को बेचना जैसे की सोया सॉस और मीसो आदि ,चुकी मोरिटा अपने चार भाइ बहन में सबसे बड़े थे इसलिए उनके पिता चाहते थे की वे ही उनके व्यवसाय को संभाले ,पर मोरिटा का झुकाव फिजिक्स और मैथ के तरफ बहुत ही ज्यादा था इसलिए उन्होनें अपने पढाई को चालू ही रखा और ओसका इम्पीरियल यूनिवर्सिटी से उन्होनें  भौतिकी शास्त्र में 1944  में  स्नातक किया,पढाई के बाद वे  द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इम्पीरियल जापानीज नेवी में सब लेफ्टिनेंट के तौर पर काम किया ,आगे चलकर इन्होनें अपने दोस्त मसारु ईबुका के साथ मिलकर सोनी कंपनी की स्थापना की ,और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में बहुत अहम योगदान दिया उनके योगदान को देखते हुए उन्हें भी मसारु ईबुका की तरह कई अवार्ड मिले जैसे की 
  • रॉयल सोसाइटी ऑफ़ आर्ट्स द्वारा दिया गया अवार्ड "अल्बर्ट मैडल "जो की उन्हें (1982 )  में दिया गया 
  • लीजन पफ ऑनर जो की उन्हें 1984 में दिया गया 
  • जापान के राजा  के द्वारा आर्डर ऑफ़ द सेक्रेड ट्रेजर जो की 1991   में उन्हें दिया गया
  • ब्रिटिश नाइटहुड का अवार्ड जो की 1993  में उन्हें दिया गया 
  • आर्डर ऑफ़ द राइजिंग सन और ये उन्हें 1999 में दिया गया 

 इसके अलावा उन्हें और भी कई तरह के अवार्ड मिले ,
ये तो थी इस कहानी के दोनों नायक के बारे में यानी की इन दोनों नायक की कहानी ,अब चलिए जानते हैं सोनी कंपनी की कहानी की कैसे  एक टूटे मकान से शुरू हुई ये कंपनी अब इतनी बड़ी कंपनी बन चुकी है

 BRAND STORY OF SONY COMPANY

 

 मई 1946 का समय था जब द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति हो चुकी थी और मसारु ईबुका कुछ नया करने की सोच रहे थे और सोचते सोचते उन्होनें सोचा क्यों न एक अपना रेडियो रिपेयर शॉप खोला जाए और चार लोगों को साथ लेकर उन्होनें एक रेडियो रिपेयर शॉप खोला ,शॉप खोलने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें अपने साथी एकिओ मोरिटा से मुलाकात होती है जो की नेवी में काम करने के दौरान उनके सबसे  अच्छे दोस्त में से एक बन गए थे,फिर दोनों ने सोचा क्यों न कुछ नया और बड़ा किया जाए और इसी सोच के साथ उन्होनें एक कंपनी की स्थापना कर डाली और उसका नाम रखा TTK यानि की अच्छा मैं ये क्या कह रहा हूँ कंपनी का नाम TTK था  तो सोनी  ये क्या है हाँ दोस्तों पहले सोनी का नाम का नाम TTK ही था बाद में उसे बदलकर सोनी नाम  रख दिया गया ,  सोनी नाम रखने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है दरअसल का TTK पूरा नाम  टोकियो टोसुशीन कोग्यो  था जो की जापानी भाषा के इस्तेमाल से बना था  जिसका  अंग्रेजी में मतलब  टोक्यो टेलिकम्युनिकशन इंजीनियरिंग कार्पोरेशन था जिसे कभी कभी टॉटसुको भी कहा जाता था , पर एक बार जब दोनों अमेरिका गए तो उन्होनें देखा की वहां के लोगों को इस कंपनी का नाम लेने में परेशानी हो रही थी तो फिर जापान वापस आने के बाद उन दोनों ने  सोचा क्यों  न  इसका नाम ही बदल दी जाए  तो क्या रखे सोचते -सोचते उनके दिमाग में आया की टोक्यो टेलिटेक रख दिया जाए पर तभी उन्हें मालुम हुआ की अमेरिका में पहले से एक कंपनी है जिसका नाम टेलिटेक है और वे नहीं चाहते थे की उनके कंपनी का नाम किसी और  नाम से मिलता जुलता रहे क्योंकि कहीं न कहीं वो जानते थे की उनकी ये कंपनी बहुत बड़ी कंपनी बनने वाली है,फिर सोचते सोचते उनके दिमाग में आया SONNUS और SONNY  वर्ड जहाँ SONNUS वर्ड का मतलब साउंड था, वहीँ  SONNY उस समय के युवा को कहा जाता था और फिर इन्हीं दोनों शब्दों का प्रयोग करके कंपनी का नाम रखा गया SONY  और इस तरह से टोकियो टोसुशीन कोग्यो का नाम सोनी पड़  गया और कंपनी अब अपने सुनहरे भविष्य की और बढ़ चली थी 1946 से लेकर 1979 तक कमपनी के द्वारा नित नए उत्पादों को लेकर प्रयोग चलते रहे और नए नए उत्पाद निकलते रहे  जिसमें कुछ असफल हुए तो ज्यादा सफल हुए ,
 पर जुलाई 1979 में जो वॉकमैन लॉन्च किया गया जिसे टीपीएस एलवी भी कहा जाता  था  जो कि फर्स्ट स्टीरियो कैप्सूल प्लेयर था उसने तो धमाल  सा ही मचा दिया और इसकी रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई चाहे वह यूएसए हो या यूके हो या ऑस्ट्रेलिया हो हर घर हर जगह इसकी खूब मांग हुई खासकर युवाओं के बीच में तो यह  खूब पॉपुलर हुआ  ,वॉकमेन की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की उसके बाद इस तरह के उत्पाद जिस किसी कंपनी ने लॉन्च किया लोग उसे वॉकमेन के नाम से ही जानने लगे ,लोग उसे वॉकमेन ही कहते  अब किसी कंपनी के लिए इससे बढ़ के और क्या बात होगी और 1979 से लेकर आज तक सोनी के द्वारा बहुत तरह के उत्पाद बनाये गए जिसमें ज्यादातर उत्पाद ऐसे थे जो की सबसे पहले सोनी कंपनी के द्वारा ही बनाये गए थे। 
अगर बात करें कंपनी के आज के स्थिति के बारे में तो ये कंपनी जहाँ इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में टेलीविजन ,वीडियो रिकॉर्डर ,वीडियो कैमरा, डिजिटल कैमरा  आदि  के कारण  टॉप में गिनी जाती है वहीँ सोनी पिक्चर इंटरटेनमेंट और सोनी म्यूजिक एंटरटेनमेंट के कारण इंटरटेनमेंट क्षेत्र में भी टॉप में चल रही है इन दोनों के अलावा सोनी लाइफ  ,सोनी बैंक  सभी के कारण फाइनेंस के क्षेत्र में भी आगे चल रही है कूल मिलकर अगर देखा जाए तो यह कंपनी इतनी बड़ी बन चुकी है कि 2017 के एक रिपोर्ट के मुताबिक इस कंपनी में काम करने वाले लोगों की संख्या सवा लाख से भी ज्यादा हो चुकी है।

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